जिला प्रतिनिधि = भुनेश्वर ठाकुर
**अपनी संस्कृति को संवारने सहेजने का ऐतिहासिक अवसर है पंडुम 2025-विधायक श्री अटामी**
**बस्तर संभाग के 600 प्रतिभागी बस्तर पंडुम में ले रहे है हिस्सा**
दंतेवाड़ा। अपनी संस्कृति का पुनर्वलोकन यह संदेश देता है कि हम पूरी निष्ठा और सजगता से अपनी विरासत की जड़ों से जुड़कर उसे नया आयाम देवें। आधुनिक जीवनशैली को स्वीकार करके भी अपनी विरासत को सर्वोपरि रखना ही सही मायने में समाज को एक सूत्र में पिरोता है। इसी लक्ष्य और उद्देश्य के अनुरूप छत्तीसगढ़ संस्कृति विभाग एवं जिला प्रशासन के तत्वाधान में आज 02 अप्रैल से संभाग स्तरीय ‘‘बस्तर पंडुम‘‘ की हाई स्कूल मैदान में शुरुआत हुई। उल्लेखनीय है कि ‘‘बस्तर पंडुम‘‘ 02 अप्रैल से 05 अप्रैल तक आयोजित होगी। जिसमें विभिन्न प्रकार के बस्तर संभाग के सभी जिलों की टीमों द्वारा विभिन्न विधाओं की प्रदर्शनी के साथ-साथ देश के अन्य राज्य जैसे ओडिशा, तेलंगाना, असम, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और मध्यप्रदेश के सांस्कृतिक दल अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जाएगीं।
आज कार्यक्रम के शुरुआत में विधायक श्री चैतराम अटामी एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, बस्तर, कोंडागांव, नारायणपुर एवं कांकेर जनजातियों द्वारा लगाए गए स्टालों को देखा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए स्थानीय विधायक श्री अटामी ने कहा कि ऐतिहासिक ‘‘बस्तर पंडुम‘‘ में गांव-गांव से परंम्परा संस्कृति के प्रदर्शन को ऐतिहासिक अवसर बताते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के कुशल नेतृत्व में ‘‘बस्तर पंडुम‘‘ का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें बस्तर की सभी सांस्कृतिक की धरोहर को संजोने के लिए किया गया है।