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Wednesday, September 2, 2020

आजादी के 74 साल बाद भी रस्सी पकड़ नदी पार करने की मजबूरी, 6 साल बाद भी नहीं बना पुलिया, जान हथेली पर रखकर नाला पार कर रहे ग्रामीण

बजट आते ही पुलिया निर्माण मेरी पहली प्राथमिकता- विधायक 



बसना। बसना विधान सभा क्षेत्र के एवं पिथौरा जनपद के अन्तर्गत आने वाले साईं सरायपाली गांव में लोग जान जोखिम में डालकर नाला पार कर रहे हैं. गांव के दोनों तरफ रोड तो बन गई है। किन्तु पुलिया नहीं बन पाया। बारिश की वजह से नाले में लबालब पानी भरा रहता है।जिससे आज भी इस गाँव के ग्रामीणों को रस्सी के सहारे नाला पार करना पड़ रहा है।

बसना विधान सभा क्षेत्र के एवं पिथौरा ब्लॉक से 40 किलोमीटर दूर साईं सरायपाली गांव की स्थिति आजादी के 74 साल बाद भी नहीं सुधरी। इस गांव में लोगों को मूलभूत सुविधा के लिए तरसना पड़ रहा है. सरकार की करोड़ों की योजनाएं इस गांव में अब तक पहुंची ही नहीं. हर साल दावा किया जाता है कि इस बार नाले पर पुलिया का निर्माण हो जाएगा. गांव के दोनों तरफ रोड तो बन गई, लेकिन पुलिया नहीं बन पाया। बारिश की वजह से नाले में लबालब पानी भरा रहता है। ग्रामीण रस्सी और लोगों के सहारे रोज अपनी जान जोखिम में डालकर नाला पार कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि पुलिया उनके लिए ज्यादा जरूरी था, रोड कच्ची भी होती, तो भी उससे वे ग्रामीण जन सफर कर लेते।



 सराईपाली गांव की हालत दयनीय जान हथेली पर रखकर नाला पार कर रहे ग्रामीण 

 गांव की पगडंडियों को शहर की सड़कों और नेशनल हाईवे से जोड़ने का सरकार दावा कर रही है. लेकिन वह सिर्फ कागजों में दिख रहा है. पिथौरा ब्लॉक के साईं सराईपाली गांव की स्थिति बहुत ही खराब है. यहां पर जनप्रतिनिधि वोट मांगने तो आ जाते हैं, लेकिन गांव की सुध लेने कोई नहीं आता. कई मिन्नतों के बाद गांव के दोनों ओर सड़क बन पाई. लेकिन नाले पर पुलिया आज तक नहीं बन पाया. इन्हें पीडीएस का राशन लेने भी दूसरे गांव जाना पड़ता है. इस नाले से वे अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरे गांव जाते हैं। सड़क जैसी मूलभूत सुविधा से महरूम ऊजार्धानी, गड्ढों से गुजरना बन गई लोगों की नियति जान जोखिम में डाल नाला पार करे रहे ग्रामीण गांव में समस्याओं का अंबार है. ग्रामीण जान जोखिम में डाल राशन लेकर नाले को पार करते हैं. राशन भी दूसरे गांव में मिलता हे, क्योंकि पुलिया ना होने के कारण, ना यहां पर बस आती है और ना ही पीडीएस का राशन आ पाता है. शासन प्रशासन की अनदेखी के कारण कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. कोई बीमार हो जाए तो एंबुलेंस की सुविधा भी नहीं मिलती. किसी की तबीयत खराब हो तो उसे खटिया में रख कर नाला पार कराना पड़ता है. उसके बाद एंबुलेंस की सुविधा मिल पाती है. मुख्यमंत्री सड़क योजना के तहत 2014 में इस रोड का निर्माण हुआ है. पुल के लिए बजट नहीं होने के कारण यह पुल नहीं बन पाया। जब प्रेस प्रतिनिधि ने इस विषय पर अधिकारियों से बात की,तो उनका कहना है कि बहुत जल्द पुलिया के लिए बजट आने वाला है।

     इस संबंध मे बसना विधायक राजा देवेन्द्र बहादुर सिंह से चर्चा करने पर उन्होंने रिपोर्टर क्रांति को बताया कि साँई सरायपाली के ग्रामीणों को जो परेशानी हो रही है उसकी चिंता मुझे भी है। अभी जैसे ही बजट आयेगा पहली प्राथमिकता पुलिया निर्माण का रहेगा।

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