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Friday, September 11, 2020

...और जब 5 किलो का जिंदा बम लेकर थाने पहुंचा 1 लाख का इनामी नक्सली

 



दंतेवाड़ा। दंतेवाड़ा में 1 लाख रुपए का इनामी नक्सली सरेंडर करने जिस अंदाज में पहुंचा, उससे कुछ देर के लिए तो पुलिसवालों के भी पसीने छूट गए. बाद में जब नक्सली ने अपने आने का मकसद बताया, तब जाकर थाने में मौजूद लोगों की जान में जान आई. मामला दंतेवाड़ा के कुआकोंडा थाने का है, जहां इनामी नक्सली कोसा कवासी गुरुवार को आत्मसमर्पण करने पहुंचा था. मुंह पर लाल कपड़ा बांधे कोसा कवासी अपने साथ एक बैग भी लाया था, जिसमें 5 किलो का जिंदा बम था. पुलिस के मुताबिक अभी तक किसी नक्सली द्वारा बम लेकर थाने आने और सरेंडर करने की कोई बात सामने नहीं आई है. नक्सल प्रभावित इलाकों में इस तरह का यह पहला मामला है.


दरअसल, नक्सली कोसा कवासी अपने कंधे पर बैग लेकर गुरुवार सुबह कुआकोंडा थाने पहुंचा और सीधे अंदर घुसने लगा. पुलिसवाले उसे रोककर कुछ पूछते, उसके पहले ही उसने बताया कि वह नक्सली कोसा कवासी है. कोसा ने यह भी बताया कि उसके पास बैग में 5 किलो का आईईडी बम भी है. यह सुनकर थाने में मौजूद पुलिसवालों के होश उड़ गए. नक्सली के आने और उसके हाथों में बम की खबर से अफरा-तफरी मच गई. पुलिसवालों ने तत्काल कोसा को चारों तरफ से घेर लिया और आला अफसरों को इसकी सूचना दी गई.


नक्सली के थाने पहुंचने और उसके पास बम होने की खबर जब अधिकारियों को पता चली तो वह भी फौरन थाने के लिए निकल पड़े. इस दौरान पता चला कि आईईडी बम के साथ बैटरी कनेक्ट नहीं है. साथ ही नक्सली के सरेंडर करने के इरादे के बारे में भी पता चला. उसके बाद कोसा का आत्मसमर्पण करवाया गया और उसके पास मौजूद बम भी जब्त किया गया.


पुलिस चला रही है अभियान

आपको बता दें कि दंतेवाड़ा में पुलिस द्वारा नक्सलियों के आत्मसमर्पण के लिए बड़ा अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत नक्सलियों के सरेंडर करने के बाद उन्हें नौकरी दी जाती है. साथ ही लाखों के इनाम की राशि भी उन्हें मिलती है. नक्सली सरेंडर करें, इसके लिए पुलिस उनके परिजनों के साथ लगातार बातचीत कर इन्हें मुख्यधारा में लाने का अभियान चला रही है.


150 नक्सलियों ने किया सरेंडर

पुलिस के मुताबिक नक्सली कोसा भी 4 दिन पहले अपने गांव आया था, जहां उसके परिवारवालों ने उसे रोक लिया. कोसा के घरवालों ने उसे सरेंडर करने को कहा, जिसके बाद वह कुआकोंडा थाने पहुंचा था. दंतेवाड़ा पुलिस की योजना के तहत अब तक करीब 150 से ज्यादा नक्सली सरेंडर कर चुके हैं.

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