छत्तीसगढ़ के खाद्य मंत्री ने नहीं लिया इस भ्रष्टाचार को अब तक संज्ञान में?
सुनील यादव
गरियाबंद। जिले के छुरा ब्लाक में चार राशन दुकान से पांच लाख रुपए के राशन सामग्री के हेराफेरी के मामले में वाहन चालकों की गिरफ्तारी व सेल्समैनों के निलंबन से ही कार्यवाही का ये मामला नहीं थमता। यहां छोटे मछलियों को दर्शाया जा रहा है और बड़े मगरमच्छ आजाद हैं।
क्या वाहन चालकों और सेल्समेंनों बस के ही मिली भगत से इतने बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा सकता था ?
आखिर कहां ले जाया जा रहा था शासकीय राशन दुकान से ये राशन सामग्री ?
क्यों एक महीने के बाद भी कलेक्टर गरियाबंद को इस मामले की पूरी जानकारी अब तक नहीं ?
आखिर खाद्य विभाग के उच्च अधिकारी कब तक अपनी जिम्मेदारी का पलड़ा झाड़ेंगे और जांच का हवाला देते रहेंगे ?
आखिर कौन है जो प्रशासन की आंख में धूल झोंककर चार शासकीय दुकानों से पांच लाख रुपए का गरीबों के हक के अनाज का हेराफेरी के निकलता है और विभाग को थाना कार्यवाही के बाद पता चलता है ?
ऐसे कई सवालिया निशान लगा रहे हैं उक्त हेराफेरी के मामले में छुरा ब्लाक के ग्राम करचाली, अकलवारा, द्वारतरा, रानीपरतेवा के शासकीय उचित मूल्य दुकान के कर्मचारियों को निलंबित किया गया है।
जिसका कारण एसडीएम के बताए अनुसार जांच प्रतिवेदन में राशन स्टाक की मिलान में गड़बड़ी बताई गई है। इसी मामले में छानबीन कर रही पुलिस द्वारा कार्यवाही करते हुए वाहन चालकों को गिरफ्तार किया गया है ।
इतने बड़े हेराफेरी में लापरवाही किसकी है यह कहने से पुलिस और जिला प्रशासन दोनों ही बचते नजर आ रहे हैं ?
अब तक के घटनाक्रम में समिति प्रबंधक अध्यक्ष और खाद्य विभाग के अधिकारियों की भूमिका भी स्पष्ट नजर नहीं आ रही है?
इस मामले में कलेक्टर छत्तर सिंह डेहरे द्वारा भी संतोषप्रद जवाब नहीं दिया गया। केवल दो टूक में इतना ही कहा गया कि मामले की जांच निचले स्तर के अधिकारी कर रहे हैं। उन्हें ही अधिक जानकारी है, वे खुद इस मामले में और अधिक नहीं जानते ।
खाद्यमंत्री अमरजीत सिंह भगत, छत्तीसगढ़ शासन से चर्चा के दौरान कहा मैं अभी विधानसभा के अंदर हूं जी इस विषय में बाद में चर्चा करेंगे।