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Saturday, August 1, 2020

कार्यावधि में कार्य पूरा तो वेतन में कटौती क्यों : प्रीतम सिन्हा भाजपा

सुनील यादव, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ सरकार एक ओर सीधी भर्ती में प्रतिबंध हटाकर भर्ती प्रक्रिया जारी कर दिया है वहीं छत्तीसगढ़ के बेरोजगार युवाओं उसके वेतन में तीन वर्ष के परीक्षावधी में तीन किस्तों में अलग अलग प्रथम वर्ष 70%,द्वितीय वर्ष 80%और तृतीय वर्ष 90% वेतन देयक रहेगा बिना सामान्य प्रशासन विभाग  के स्वीकृति से सरकार नये आदेश से छत्तीसगढ़ के बेरोजगारों के शोषण की शुरूआत निरूपित किया है। इससे सेवा अवधि में स्टायपेंड के साथ अन्य भत्ते शासकीय सेवक की तरह प्राप्त होते रहेंगे।
गरियाबंद के भाजपा नेता प्रीतम सिन्हा ने सरकार छत्तीसगढ़ में कोरोना काल में सीधी भर्ती पर लगे प्रतिबंध हटा कर सीधी भर्ती करने निर्णय लिया है, परन्तु छत्तीसगढ़ युवा बेरोजगारों को वेतन के आधार पर जिस तरह छल रहे हैं, इससे बेरोजगार ठगा महसूस कर रहा है। सरकार द्वारा इनके मूल वेतन में किस्तों की कटौती से युवाओं एक ओर नौकरी और दूसरी ओर वेतन में लूट से शोषण नीति साबित हो रहा है। किंतु आज पर्यन्त प्रदेश में सभी नवनियुक्त शासकीय सेवकों के लिए 03 वर्ष की परिवीक्षा अवधि नियत किया गया है। सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि युवाओं को सीधी भर्ती प्रक्रिया से जो नौकरी दे रहे हैं उनसे निर्धारित समयावधि पर कार्य लिया जायेगा तो उनके वेतन पर कटौती करने का क्या मतलब है । अगर काम पूरा लिया जा रहा है तो वेतन भी पूरा दिया जाये। जिससे युवा ठगा महसूस न करे। किन्तु आज तक सम्पूर्ण देश मे इस प्रकार के आदेश नही हुआ है नियुक्ति के समय ही उस पद का वेतन । दिया जाता है चाहे परिविक्षा अवधि हो या न हो । वेतन का एक तिहाई सरकार करोना के नाम पर कमी कर दी है यह कमी कर्मचारी को उसके सम्पूर्ण सेवाकाल तथा अन्त में सेवानिवृत्त में भी पेन्शन में कमी आयेगी ।

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