मोदी कैबिनेट के फैसले: 2035 तक हायर एजुकेशन में 50% एनरोलमेंट का लक्ष्य - reporterkranti.in

reporterkranti.in

RNI NO CHHHIN/2015/71899

Breaking

Home Top Ad

Post Top Ad

Wednesday, July 29, 2020

मोदी कैबिनेट के फैसले: 2035 तक हायर एजुकेशन में 50% एनरोलमेंट का लक्ष्य

नई शिक्षा नीति को मंजूरी, 34 साल बाद पॉलिसी में बदलाव

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में नई शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी गई। 34 साल बाद एजुकेशन पॉलिसी में बदलाव हुए हैं। सरकार ने कहा है कि 2035 तक हायर एजुकेशन में 50% एनरोलमेंट का लक्ष्य तय किया है। नई शिक्षा नीति के तहत दुनियाभर की बड़ी यूनिवर्सिटी देश में अपना कैंपस बना सकेंगी। कैबिनेट ने एचआरडी मिनिस्ट्री का नाम बदलकर मिनिस्ट्री आफ एजुकेशन करने की मंजूरी भी दी है। यह फैसला नई शिक्षा नीति के ड्राफ्ट की सिफारिशों के मुताबिक है। 34 साल पहले यानी 1986 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाई गई थी। करीब तीन दशक से इसमें कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है।

इसकी समीक्षा के लिए 1990 और 1993 में कमेटियां भी बनाई गईं थीं। नई शिक्षा नीति के तहत सभी स्कूलों में कक्षा पांचवीं तक के बच्चों को दिए जाने वाले दिशा-निर्देश मातृ भाषा या क्षेत्रीय/स्थानीय भाषा में दिए जाएंगे। हालांकि, यह कक्षा आठवीं या इससे ऊपर तक के छात्रों के लिए भी लागू हो सकता है। नई शिक्षा नीति 2020 के तहत सभी स्तरों पर संस्कृत और सेकंडरी स्कूल लेवल पर विदेशी भाषाएं भी प्रस्तावित की जाएंगी। हालांकि, नीति में यह स्पष्ट है कि कोई भी भाषा किसी बच्चे पर थोपी नहीं जाएगी। 10+2 के स्ट्रक्चर के बजाए स्कूली बच्चों के लिए करिकुलम का पैटर्न 5+3+3+4 की तर्ज पर लागू किया गया है। इसके तहत 3-6 साल का बच्चा एक ही तरीके से पढ़ाई करेगा ताकि उसकी फाउंडेशन लिटरेसी को बढ़ाया जा सके। इसके बाद मिडिल स्कूल याना 6-8 कक्षा में सब्जेक्ट का इंट्रोडक्शन कराया जाएगा। फिजिक्स के साथ फैशन की पढ़ाई करने की भी इजाजत होगी। कक्षा 6 से ही बच्चों को कोडिंग सिखाई जाएगी। स्कूली शिक्षा में 6-9 वर्ष के जो बच्चे आमतौर पर 1-3 क्लास में होते हैं उनके लिए नेशनल मिशन शुरू किया जाएगा ताकि बच्चे बुनियादी शिक्षा को समझ सकें। नई शिक्षा नीति के तहत जो बच्चे शोध के क्षेत्र में जाना चाहते हैं उनके लिए भी 4 साल का डिग्री प्रोग्राम होगा। वहीं जो लोग नौकरी में जाना चाहते हैं उनके लिए 3 साल का डिग्री प्रोग्राम होगा। रिसर्च में जाने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए एमफिल करने की बाध्यता नहीं होगी। वह एक साल के एमए के बाद चार का डिग्री प्रोग्राम में जा सकेंगे।

Post Bottom Ad

ad inner footer